कभी तो मेरी ख़ामोशी का मतलब खुद समझ लो,
कब तक वजह पूछोगे अंजानो की तरह !!
वास्ता नही रखना तो फिर मुझपे नजर क्यूं रखती है … मैं किस हाल में जिंदा हूँ … तू ये सब खबर क्यूं रखती है …. “#”
कहाँ तलाश करोगे तुम मेरे जैसा इंसान,
जो तुमसे जुदा भी रहे और बेइंतहा मोहब्बत भी करे !!😢😢
वक्त मिले कभी तो कदमों तले भी देख लेना बेकसूर अक्सर वहीं पाये जाते हैं !!
मैं मोहब्बत करता हूँ तो टूट कर करता हुँ…
ये काम मुझे जरूरत के मुताबिक नहीं आता….
ये बारिश , ये हसीन मौसम , और ये हवाए....
लगता है , आज मोहब्बत ने किसी का साथ दिया है..!!