कहीं यादों का मुकाबला हो तो बताना....
जनाब
हमारे पास भी किसी की यादें बेहिसाब होती जा रही हैं...
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Sunday, August 28, 2016
कहीं यादों का मुकाबला हो तो बताना..
जहां बोतलों पर मजहब नहीं लिखा जाता.
इंसानियत तो हमने ब्लड बैंक से सीखी हैं साहब,
जहां बोतलों पर मजहब नहीं लिखा जाता..
हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं...
हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं....
कोई वक़्त पे लौटाता नहीं है इसलिए घाटे में हैं....
Friday, August 26, 2016
हुस्न ना मांग नसीब मांग ए दोस्त
तकदीर :
एक हसीन लडकी
राजा के दरबार में
डांस कर रही थी...
( राजा बहुत बदसुरत था )
लडकी ने राजा से एक
सवाल की इजाजत मांगी
.
राजा ने कहा ,
' चलो पुछो .'
.
लडकी ने कहा ,
'जब हुस्न बंट रहा था
तब आप कहां थे..??
.
राजा ने गुस्सा नही किया
बल्कि
मुस्कुराते हुवे कहा
~ जब तुम हुस्न की
लाइन् में खडी
हुस्न ले रही थी , ~
.
~ तो में
किस्मत की लाइन में खडा
किस्मत ले रहा था
.
और आज
तुझ जैसीे हुस्न वालीयां
मेरी गुलाम की तरह
नाच रही है...........
.
इसलीय शायर खुब कहते है,
.
" हुस्न ना मांग
नसीब मांग ए दोस्त ,
हुस्न वाले तो
अक्सर नसीब वालों के
गुलाम हुआ करते है...
" जो भाग्य में है ,
वह भाग कर आएगा,
जो नहीं है ,
वह आकर भी
भाग जाएगा....!!!!!."
यहाँ सब कुछ बिकता है ,
दोस्तों रहना जरा संभाल के,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है,
गुब्बारों में डाल के,
सच बिकता है ,
झूट बिकता है,
बिकती है हर कहानी,
तीनों लोक में फेला है ,
फिर भी बिकता है
बोतल में पानी ,
कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस दिन खिलोगे ,
टूट कर बिखर्र जाओगे ,
जीना है तो
पत्थर की तरह जियो ;
जिस दिन तराशे गए ,
" भगवान " बन जाओगे...!!!!