Monday, November 23, 2015

लोगों ने नज़ारा समझा....!!

बडे नादान थे तुफान को किनारा समझा,
कितने अंजान चेहरो को सहारा समझा।

जिनको चाहा वो लोग ही साहिल पे थे,
हम डूबते रहे और लोगों ने नज़ारा समझा....!!

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