Thursday, November 26, 2015

उन्हें 'मुकम्मल' नही होने देती...

साज़िशें लाखो बनती हें मेरी 'हस्ती' मिटाने की...

बस 'दुआयें' आप लोगों की उन्हें 'मुकम्मल' नही होने देती...

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